चंद्रयान 3 आज उतरेगा चन्द्रमा पर भारत के लिए परीक्षा की घड़ी

 

               
                             जय मां भारती

आज शाम जब भारत में सूर्य अस्त होने की तैयारी कर रहा होगा तब पृथ्वी से लगभग तीन लाख चौरासी हजार किलोमीटर दूर चन्द्रमा पर 28 दिनों के बाद (पृथ्वी के दिनों के अनुसार) सूर्य उदय हो रहा होगा, और लगभग शाम के छः बजे चन्द्रयान -3 अपनी ऑर्बिट से 90 डिग्री घूमकर अपने चारों थ्रस्टर को स्टार्ट कर चन्द्रमा के दक्षिणी छोर पर उतरेगा ,100 गुना 25 की ऑर्बिट से चाँद की सतह पर आने में लगभग 18 मिनट का समय लगेगा , इस बीच चन्द्रयान -3 की गति को धीरे धीरे कम किया जायेगा जिससे की सेंसर को उपयुक्त लैंडिंग सरफेस को स्कैन करने के लिए पर्याप्त समय मिल सकें और सॉफ्ट लैंडिंग के लिए थ्रस्टर की संख्या को सेंसर परिस्तिथियों के अनुरूप बंद कर सके, लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया ऑटोमॅटिक होगी इसमें लैंडर को सही समय और ऊंचाई पर अपने इंजिन को चालू करना होगा , चन्द्रयान -3 पिछले कई दिनों से चन्द्रमा पर सूर्य उदय का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि लैंडिंग के दौरान उसे अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ सकती है जो चन्द्रयान -3 के ऊपर लगे सोलर पैनल उसे सूर्य उदय होने पर ही दे सकते है, लैंडिंग के ये आखिरी 18 मिनट खौफ के 18 मिनट कहे जा रहे है क्योंकि चन्द्रयान -2 भी इन्ही अंतिम मिनट में क्रैश लैंडिंग कर गया था |                  
  कर लो चांद मुट्ठी में...' जी हां, पूरा भारत एक साथ मिलकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से यही कह रहा है. 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट, ये वो टाइम तय किया गया है कि जब चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग होगी. जाहिर-सी बात है हर किसी की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, क्योंकि चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. लेकिन इस दफा तैयारी इतनी तगड़ी है और इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग तो होकर ही रहेगी. और इसके लिए 23 अगस्त की तारीख भी बेहद सोच समझकर चुनी गई है. अब उसकी वजह जान लीजिए...

1. चंद्रयान-3 का लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद अपने मिशन का अंजाम देने के लिए सौर्य ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा. 
2. चांद पर 14 दिन तक दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है, अगर चंद्रयान ऐसे वक्त में चांद पर उतरेगा जब वहां रात हो तो वह काम नहीं कर पाएगा.
3. इसरो सभी चीजों की गणना करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि 23 अगस्त से चांद के दक्षिणी ध्रुव सूरज की रौशनी उपलब्‍ध रहेगी.
4. वहां रात्रि के 14 दिन की अवधि 22 अगस्त को समाप्त हो रही है

वहां रात्रि के 14 दिन की अवधि 22 अगस्त को समाप्त हो रही है
5. 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलेगी, जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और अपने मिशन को अंजाम देगा. 
 


सफल लैंडिंग के लिए शुभकामनाएं ISRO के वैज्ञानिक और सम्पूर्ण भारतवासियों को।

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